
तीन पुत्रियों समेत महिला भुखमरी के कगार पर
पति द्वारा नहीं दिया जाता है महिला को भरण पोषण का खर्च
एसके भारती/कुशीनगर
हनुमानगंज थानाक्षेत्र में प्रताड़ित तीन पुत्रियों की मां का हर बार लड़की ही पैदा होने पर उसके पति के द्वारा घर से निकाले जाने के बाद न्यायालय से भरण पोषण का मुकदमा जीत गई है, और न्यायालय ने भरण पोषण की धनराशि देने का आदेश भी दे दिया है, पर पीड़िता के खर्चे की धनराशि पति के द्वारा नहीं दिए जाने से पीड़िता अपने तीनो पुत्रियों सहित दाने-दाने को मोहताज हो गयी है।
न्यायालय के आदेश का भी अवहेलना कर रहा है प्रशासन
पीड़िता स्थानीय थाना से लगायत पुलिस अधीक्षक तक न्याय की गुहार लगा चुकी है, पर उसकी समस्या जस का तस बना हुवा है।
केवल लड़की पैदा को लेकर पति ने छोड़ा पत्नी के साथ घर बार
संगीता देवी का मायका नव सृजित नगर पंचायत छितौनी के मलहिया में है। उसकी शादी वर्ष 2007 में स्थानीय थानाक्षेत्र के माघी भगवानपुर में हुई है। संगीता देवी की तीन पुत्रियां क्रमशः काजल 12 वर्ष, आँचल 10 वर्ष और रेखा 9 वर्ष है। संगीता देवी के अनुसार वर्ष 2007 में जब तीसरी पुत्री पैदा हुई तो उसके पति बहाना बनाकर बाहर दूसरे प्रदेश चला गया जो आज तक वापस घर नहीं आया है। बाहर में ही रहकर जेसीबी आदि चलाकर कमाता खाता है, लेकिन मुझे या बच्चों के जीविका के लिए कोई भी धनराशि नहीं भेजते है। इस संबंध में न्यायालय की आदेश का पालन कराने में भी स्थानीय थाने की पुलिस कोताही कर रही है।
महिला को ससुराल के परिजनों द्वारा मारपीट कर दिया जाता है भगा
ससुराल में जाकर रहने पर उनके परिजनों के द्वारा मारपीट कर भगा दिया जाता है। ससुरालियों से तंग आकर महिला थाने से लेकर जिले स्तर तक के अधिकारियों से भी न्याय की गुहार लगा चुकी है, लेकिन कही से भी उसको कोई मदद नहीं मिला है। पीड़िता संगीता का कहना है कि यदि उसे समय रहते न्याय नही मिला तो वह अपने तीनो पुत्रियों सहित आत्महत्या भी कर सकती है।