
चीनी मिलो के चलने से पहले ही बिक गयी हजारो कुंटल गन्ना
सूखा रोग एवं आर्थिक तंगी ने गन्ना बेचने को किया मजबूर
एसके भारती/कुशीनगर
जनपद में स्थित अनेको चीनी मिलों में से कुछ चीनी मिलों ने भले ही नवम्बर माह के मध्य या तीसरे सप्ताह तक गन्ने की पेराई शुरू करने की तैयारी कर रही है, पर इससे पहले ही नेबुआ नौरंगिया क्षेत्र के किसानो ने हजारो कुंटल गन्ना औने पौने दामो पर क्रेसरो पर बेच दिए है। जिसका मुख्य कारण गन्ने में लगा हुवा उकठा रोग, आर्थिक तंगी और समय से आलू, मौसमी हरी सब्जियां और तिलहन की फसलों की बुवाई है। जिसके कारण जरुरतमंद किसान अपना गन्ना सस्ते दामों पर क्रेसरो पर बेचने को मजबूर हो रहे है।
सुकठा रोग एवं आर्थिक तंगी तथ लाचारी के चलते मजबूर हुवे किसान
जनपद के रामकोला और खड्डा चीनी मिल नवम्बर माह में ही चलने का ऐलान कर चुकी है। जिसको लेकर क्षेत्र के किसानों में काफी उत्साह भी देखा जा रहा है। सरकार ने सभी चीनी मिलों से इस साल समय से 350रुपये की दर से भुगतान करने का भी आदेश दिया है। पर इस साल आवश्यकता से अधिक हुई बारिश के चलते आये हुवे बाढ़ तथा गन्ने के फसलों में लगे हुवे रेड राट और उकठा रोग से जनपद के विभिन्न हिस्सों में लगभग लाखो एकड़ गन्ने की खड़ी फसल खेतो में ही सुख गये। खेतो में अपनी सुखी हुई फसलों को देखकर किसानों की आंखों में ही उनके आँशु सुख गये।
जबकि जनपद के किसानो का गन्ना ही आय का मुख्य श्रोत है और इसी आय के आधार पर किसान अपने बच्चों की पढ़ाई लिखाई से लेकर घर गृहस्ती के सारे सपने संजोकर उसे पूरा करता है। पर इस साल की बारिश और गन्ने की फसलों में लगा हुवा रोग ने किसानों के सारे अरमानों पर पानी फेर दिया। सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना वो किसान कर रहे है जिसने गन्ने से होने वाले आय के बलबूते ही अपने बेटे या बिटिया की शादी, गृह निर्माण, बच्चो की उच्चस्तर की पढ़ाई सहित अन्य और नवीन कार्य करने की योजना बनाकर करना चाहते थे। गन्ने की फसलो में लगे हुवे रोग, आर्थिक तंगी, आलू और मौसमी हरी सब्जियों की बुवाई तथा तिलहन के फसलों की समय से बुवाई के चलते किसान मजबूरी बस क्रेसरो पर औने पौने दामो पर अपना अच्छा और बुरा दोनो गन्ना बेच दे रहे है। जबकि खड्डा तहसील क्षेत्र में स्थित क्रेसरो पर 100रुपये से लेकर 280 रुपये तक गन्ना का मूल्य मिल रहा है।