
दुष्कर्म आरोपी को न्यायालय ने दी दस साल की सजा के साथ 35 हजार रुपये का अर्थदंड
सात वर्ष के बाद आरोपी को मिली सजा तथा पीड़िता को न्याय
एसके भारती/कुशीनगर
दुष्कर्म के मामले में आरोपी द्वारा या आरोपी के परिजनों द्वारा मामले को किसी तरह दबाने सुलझाने की कोशिश की जाती है जिससे पीड़ित को न्याय नहीं मिल पाता है या फिर कभी-कभी पीड़ित युवती या महिला न्याय के रास्ते पर चलते चलते थक कर बैठ जाती हैं लेकिन एक दुष्कर्म पीड़ित युवती ने आरोपी को सजा दिलवाकर ही सांस ली।
न्यायालय ने सुनाया सजा और अर्थ दण्ड का फरमान
पीड़िता के अनुसार जटहां थाना के एक गांव की युवती के साथ दुष्कर्म के मामले में न्यायालय ने अपना फैसला सुना दिया है। आरोपी के खिलाफ मिले साक्ष्यों के आधार पर न्यायाधीश ने दस साल के सश्रम कैद और 35 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड नही दे पाने पर छह माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भी भुगतना पड़ेगा।
अधिवक्ता ने दिया सच्चाई का साथ, पीड़िता को दिलाया न्याय
वादी की तरफ से मुकदमे की पैरवी अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी कृष्ण कुमार पांडेय कर रहे थे। उन्होंने बताया कि अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट नंबर-दो के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्याम मोहन जायसवाल के न्यायालय में इस मुकदमे की सुनवाई हुई।
पीड़िता ने 7 साल से न्याय के लिए लगाई थी आस
24 अक्तूबर 2014 को वादिनी के साथ रात के करीब 12 बजे गांव के ही एक व्यक्ति द्वारा दुष्कर्म किया गया था। शोर मचाने पर वह मौके से फरार होने में सफल हो गया था। उसे भागते हुए दो व्यक्तियों ने देख लिया था। तहरीर मिलने के बाद पुलिस ने विवेचना की और दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था। मंगलवार को इस मुकदमे की सुनवाई हुई, जिसमें आरोपी पर दोष साबित होने के बाद उसे यह सजा सुनाई गई है।