
उपजिलाधिकारी खड्डा की अध्यक्षता में आपदा बाढ़ प्रबंधन की बैठक हुई संपन्न
बैठक में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र से संबंधित अधिकारी कर्मचारी व ग्रामीण रहे उपस्थित
खड्डा/कुशीनगर
खड्डा तहसील स्थित सभागार कक्ष में बाढ़ राहत एवं बचाव राहत कार्य हेतु उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में बैठक की गई बैठक में तहसीलदार खड्डा कृष्ण गोपाल त्रिपाठी, नायब तहसीलदार खड्डा कुंदन वर्मा, एसडीओ बाढ़ खंड मनोरंजन कुमार, रजिस्टार कानूनगो अशोक कुमार, डॉक्टर संतोष गुप्ता, के कानूनगो लालजी, कानूनगो रमेश चंद्र गुप्ता, लेखपाल मुरली मनोहर पांडे, लेखपाल राधेश्याम, लेखपाल विपिन मणि, लेखपाल बृज नारायण सिंह, लेखपाल बांकेलाल, लेखपाल धीरज शुक्ला, लेखपाल सूरज चौरसिया, लेखपाल पारस प्रसाद, लेखपाल राजेश गुप्ता, तथा बाढ़ से प्रभावित ग्रामों से लालचंद यादव, उमेश निषाद, अंगद यादव, भुवाल गौंड़, प्रमोद राय, निजामुद्दीन, बेचन, विकास गुप्ता, जवाहिर, हरिशंकर, जनार्दन चौधरी, मुन्ना, श्यामसुंदर, रामजी चौहान, रामचंद्र, महेश, उमेश निषाद, राजेंद्र निषाद, ठाकुर निषाद, गुड्डू साहनी, रमेश चौहान, जगदीश राजभर, नम्मी निषाद, धनेश्वर, अशोक साहनी आदि के बीच बैठक कर समस्याओं का निस्तारण हेतु सुझाव पर चर्चा की गई
बाढ़ प्रभावित से बचाव के उपकरणों तथा उपाय पर की गई चर्चा
बता दें कि बाढ़ खण्ड सहायक अभियंता, ग्राम प्रधान, कोटेदार, गोताखोर, आपदा की उपस्थिति में बैठक के माध्यम से उपस्थित सभी के द्वारा अपने अपने विचार व्यक्त किए गए जिसमें सोहगी वरवां बॉर्डर से शिवपुर तक के टूटे सड़क को पीडब्ल्यूडी के सहयोग से ठीक कराया जाना आवश्यक है तथा पुलिया का भी निर्माण जरूरी है, ग्राम पंचायत स्तर पर शासकीय व्यय द्वारा नांव की आवश्यकता की मांग रखी गई, मिट्टी का तेल बाढ़ आने के बाद वितरित किया जाता है जिसका कोई मतलब नहीं होता है मिट्टी का तेल समय रहते बाढ़ आने से पहले दिया जाए जिससे बाढ़ के समय प्रयोग किया जा सके, बाढ़ के समय बाढ़ प्रभावित प्रत्येक गांव में कम से कम दो डॉक्टर एवं एनम सहित तथा एक पशु डॉक्टर अथवा पशु मित्र को बाढ़ के समय गांव में ही व्यवस्था की जाए,जर्जर छितौनी बांध की समस्या पर एसडीओ ने अवगत कराया कि जर्जर छितौनी बांध के मरम्मत कार्य एवं स्पर आगामी 10 दिन में प्रारंभ कर दिया जाएगा,
हनुमान गंज के वर्तमान प्रधान द्वारा बताया गया कि हनुमानगंज में विगत वर्ष में 2 नांव शासकीय व्यय पर प्राप्त हुई थी परंतु नांव कहां है पता नहीं है, बाढ़ के समय सुरक्षित स्थानों पर शरणालय निर्मित हेतु ग्राम शिवपुर में चिन्हित किया गया था जिसका निर्माण अति आवश्यक है, लोगों की समस्याओं को सुनने के बाद उपजिलाधिकारी खड्डा उपमा पांडे द्वारा सभी लेखपालों को निर्देशित किया गया कि अपने क्षेत्र के समस्त गोताखोर (तैराक) से हमेशा संपर्क स्थापित करते रहे जिससे किसी भी आपात स्थिति में उनकी सेवाएं अनिवार्य रूप से लिया जा सके उपस्थित ग्राम प्रधान एवं ग्रामीणों को यह निर्देश दिए गए कि नारायणी नदी में किसी भी रुप में कम क्षमता वाले नांव में अधिक लोग नहीं बैठे अन्यथा की स्थिति में संबंधित की जिम्मेदारी निर्धारित की जाएगी।