उत्तर प्रदेशकुशीनगर

कार्यक्रम के दौरान कवि और शायरो ने सारी रात बांधी समां

कवियों ने दर्शकों पर छोड़ी अपनी छाप, दर्शकों ने तालियों से किया स्वागत

एसके भारती/कुशीनगर

विकास खण्ड रामकोला के ग्रामसभा अमवा बाजार में कवि सुनील चौरसिया ‘सावन’ एवं अर्चना चौरसिया ‘राधा’ के  समारोह पर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान सोमवार की रात में विराट कवि सम्मेलन व मुशायरे का आयोजन किया गया था। वरिष्ठ कवि मधुसूदन पाण्डेय की अध्यक्षता में डॉ० इम्तियाज़ समर ने ‘उनका आंगन उदास रहता है, जिनके घर बेटियां नहीं होतीं’ तथा मशहूर शायर अर्शी बस्तवी ने ‘जो आईने की तरह दिल को साफ रखते हैं, उन्हीं से लोग इस्तेलाफ रखते हैं’

पूरी रात दर्शकों को कवियों ने किया भाव विभोर

सुनाकर दर्शको से खूब वाहवाही लूटी। कवि बेचू बीए ने ‘वो मन के मतवारे पंछी, कब आएगा गांव’, और भोजपुरी कवि उगम चौधरी ने ‘कईसे के कहीं पतोहिया बा बाऊर, बुढ़ीया पतोहिया से चारि जावा आऊर’ तथा देवेश पाण्डेय ने ‘होने वाली है शादी मेरे यार की, खतरे में है आजादी मेरे यार की’ तथा युवा कवयित्री मीनाक्षी मिश्रा ने ‘ए बबुआ दऊरा, आ गईल चुनाव नेता ना बनब… आदि सुनाकर श्रोताओं को लोटपोट कर दिया।

कवियों ने आज के परिवेश में चल रहे लतो पर  प्रकाश डाला

हास्य कवि अवधकिशोर ‘अवधू’ के संचालन में मधुसूदन पांडेय ने ‘नसवा के लतिया, संइया छोड़ी दी अदतिया, मानि जाईं बतिया, नाहीं त होई संसतिया’ एवम सत्येंद्र मिश्र का ‘गीता यह सिखाती है कि हिंसा एक बुराई है, पर धर्म के खातिर हिंसा हो तो बन जाती अच्छाई है’ सुनाकर कवि सम्मेलन को नई ऊंचाई प्रदान की। अश्वनी द्विवेदी के गीत पर श्रोता झूम उठे। आकाश महेशपुरी, नूरुद्दीन नूर, बलराम राय एवं अतुल मिश्रा की ओजस्वी कविता सराहनीय रही।
इस दौरान मिथुन दुबे, उर्मिला देवी, रामकेवल चौरसिया, प्रभुनाथ चौरसिया , नर्मदा वर्मा, कमलेश, मनोज जायसवाल, कृष्ण मोहन, सन्दीप, चंद्रमोहन, शैलेन्द्र इत्यादि की उपस्थिति रही।

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