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कुशीनगर में अतिक्रमणकारियों के प्रभाव से उपनगर में लगा रहता है जाम

नगर पालिका हाटा के सड़कों पर अतिक्रमण होने से बनती है जाम की स्थिति

कुशीनगर जनपद के नगर पालिका हाटा में अतिक्रमणकारियों द्वारा किए गए सड़कों के किनारे कब्जा से नगर में लगती है भीषण जाम।

जब नगर पंचायत था तब भी जाम की समस्या आम थी। लगभग चार वर्ष पूर्व अगल बगल के 40 गांवों को मिला कर इस नगर पंचायत को नगरपालिका कख दर्जा प्राप्त हुआ। लोगों की उम्मीद थी कि अब यहां जाम की समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जायेगी। लेकिन यह समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है। इसका कारण यहां हुआ अतिक्रमण ही है। नगर में नो एंट्री न होने से बड़ी गाड़ियों की आवाजाही लगने वाले जाम के लिए सोने पर सुहागा का कार्य कर रही है।

अतिक्रमणकारियों के प्रभाव से प्रभावित है नगर

जब नगर पंचायत था तब भी जाम की समस्या आम थी। लगभग चार वर्ष पूर्व अगल बगल के 40 गांवों को मिला कर इस नगर पंचायत को नगरपालिका दर्जा प्राप्त हुआ। लोगों को यह उम्मीद थी कि अब यहां जाम की समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जायेगी। लेकिन यह समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है। इसका कारण यहां हुआ अतिक्रमण है। नगर में नो एंट्री न होने से बड़ी गाड़ियों की आवाजाही लगने वाले जाम के लिए सोने पर सुहागा का कार्य कर रही हैं। जाम में फंसे लोगों को जहां समय की बर्बादी झेलनी पड़ रही है वहीं इससे निकलने में काफी दुश्वारियों भी उठानी पड़ रही है और उनके मुंह से यही निकलता है कि आखिर इससे कौन दिलायेगा मुक्ति?

आम जनमानस के लिए जाम की समस्या बनी जंजाल

बता दें कि हाटा नगर तहसील मुख्यालय के साथ-साथ क्षेत्र का एक बडा.व्यावसायिक छोटा शहर भी है। यहां कोई भी तिराहा अतिक्रमणयों से वंचित नही है। चाहे वह बसस्टैण्ड,    तिराहा हो , जहां पर अतिक्रमणकारियों द्वारा  अतिक्रमण न किया गया हो। यहां क्षेत्र के गांवों के हजारों ग्रामीणों सहित व्यवसायी व्यवसाय के लिए दो पहिया सहित चार पहिया वाहनों से आतें हैं। इनके आने से नगर में पूरे दिन खासी भींड. लगी रहती है। यहां की सड़कों पर हुए अतिक्रमण से वे जहां संकरी हो गई हैं वहीं ठेले व खोमचों वालों  से अनायास ही जाम लग जाता है।

दूसरी तरफ नगर में  जो व्यवसायी अपने दुकानें खोल रखे हैं वे अपनी दुकान के सामान कों सड़क तक फैला कर उसकी पटरी को अपने कब्जे में ले लिए हैं। इसका नतीजा पैदल राहगीरों के भुगतना पड़ता है और वे भी इस जाम फंस हांफते रहते हैं। बाहर से आने वाले व्यवसायी सहित ग्रामीण जो यह सोंच कर आते हैं कि जल्दी से अपना काम निपटा कर वापस हो लेंगे वे जब यहां की जाम में फंसते हैं तो उनके मुंह से यही निकलता है कि आखिर इससे निजात कौन दिलायेगा।

वहीं नो एंट्री की व्यवस्था न होने से नगर में बड़ी आवाजाही आम बात है। इन गाड़ियों के चलते  अक्सर लम्बा जाम लग जाता है और इसमें फंसे लोगों के मुंह यही निकलता है कि इससे आखिर मुक्ति दिलायेगा कौन ? नपा प्रशासन तो आखिर मौन ही साधे हुए है।
अतिक्रमण के खिलाफ चलेगा अभियान: एसडीएम
एसडीएम पूर्ण बोरा ने कहा कि प्रशासन नगर में हुए अतिक्रमण पर सख्त है। इसे हटवाने के लिए नगरपालिका परिषद को निर्देश दिया गया है। जो अतिक्रमणकारी स्वेच्छा से अतिक्रमण हटा लेंगे उनका स्वागत है जो नहीं हटायेंगे वे दंड के भागी होंगे तथा उनसे जुर्माना भी वसूल की जायेगी। नो एंट्री के लिए नपा के साथ बैठक कर कार्ययोजना तैयार की जायेगी।

नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी अजय कुमार सिंह  ने कहा कि नगर में जहां भी अतिक्रमण हुआ है उसे चरणबद्ध तरीके से हटवाया जायेगा तथा ऐसी व्यवस्था बनेगी कि फिर से कोई अतिक्रमण न कर सके। अतिक्रमणकारियों को अतिक्रमण हटाने के लिए नपा द्वारा नोटिस भेजा गया है। बावजूद इसके यदि अतिक्रमण नहीं हटाये तो नपा प्रशासन खुद हटायेगा तथा उनसे इसका खर्चा भी वसूल करेगा।

फंसे लोगों को जहां समय की बर्बादी झेलनी पड़ रही है वहीं इससे निकलने में काफी दुश्वारियों भी उठानी पड़ रही है और उनके मुंह से यही निकलता है कि आखिर इससे कौन दिलायेगा मुक्ति?
उल्लेखनीय है कि नगर तहसील मुख्यालय के साथ_ साथ क्षेत्र का एक बडा.व्यावसायिक छोटा शहर है। यहां कोई भी तिराहा चाहे वह बाघनाथ, गौरी बाजार मेन बाजार,केनयूनियन,कप्तानगंज या फिर बसस्टैण्ड तिराहा  जहां पर अतिक्रमणकारियों द्वारा  अतिक्रमण न किया गया हो। यहां क्षेत्र के गांवों के हजारों ग्रामीणों सहित व्यवसायी व्यवसाय के लिए दो पहिया सहित चार पहिया वाहनों से आतें हैं। इनके आने से नगर में पूरे दिन खासी भींड. लगी रहती है। यहां की सड़कों पर हुए अतिक्रमण से वे जहां संकरी हो गई हैं वहीं ठेले व खोमचों वालों  से अनायास ही जाम लग जाता है।
दूसरी तरफ नगर में  जो व्यवसायी अपने दुकानें खोल रखे हैं वे अपनी दुकान के सामान कों सड़क तक फैला कर उसकी पटरी को अपने कब्जे में ले लिए हैं। इसका नतीजा पैदल राहगीरों के भुगतना पड़ता है और वे भी इस जाम फंस हांफते रहते हैं। बाहर से आने वाले व्यवसायी सहित ग्रामीण जो यह सोंच कर आते हैं कि जल्दी से अपना काम निपटा कर वापस हो लेंगे वे जब यहां की जाम में फंसते हैं तो उनके मुंह से यही निकलता है कि आखिर इससे निजात कौन दिलायेगा।  वहीं नो एंट्री की व्यवस्था न होने से नगर में बड़ी आवाजाही आम बात है। इन गाड़ियों के चलते  अक्सर लम्बा जाम लग जाता है और इसमें फंसे लोगों के मुंह यही निकलता है कि इससे आखिर मुक्ति दिलायेगा कौन ? नपा प्रशासन तो आखिर मौन ही साधे हुए है।
अतिक्रमण के खिलाफ चलेगा अभियान: एसडीएम
एसडीएम पूर्ण बोरा ने कहा कि प्रशासन नगर में हुए अतिक्रमण पर सख्त है। इसे हटवाने के लिए नगरपालिका परिषद को निर्देश दिया गया है। जो अतिक्रमणकारी स्वेच्छा से अतिक्रमण हटा लेंगे उनका स्वागत है जो नहीं हटायेंगे वे दंड के भागी होंगे तथा उनसे जुर्माना भी वसूल की जायेगी। नो एंट्री के लिए नपा के साथ बैठक कर कार्ययोजना तैयार की जायेगी।
नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी अजय कुमार सिंह  ने कहा कि नगर में जहां भी अतिक्रमण हुआ है उसे चरणबद्ध तरीके से हटवाया जायेगा तथा ऐसी व्यवस्था बनेगी कि फिर से कोई अतिक्रमण न कर सके। अतिक्रमणकारियों को अतिक्रमण हटाने के लिए नपा द्वारा नोटिस भेजा गया है। बावजूद इसके यदि अतिक्रमण नहीं हटाये तो नपा प्रशासन खुद हटायेगा तथा उनसे इसका खर्चा भी वसूल करेगा।

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