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कॉपी और कलम की जगह नाबालिगको के हाथ थमाए कुदाल

शिक्षित बनाने की जगह, अशिक्षा पर दिया जा रहा है जोर

एसके भारती/कुशीनगर

नेबुआ नौरंगिया ब्लाक क्षेत्र में सरकार के द्वारा निर्धारित नियमो की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। यहां नाबालिग बच्चों से मनरेगा योजना के तहत होने वाले मिट्टी के काम को कराया जा रहा है। काम करने वाले सभी बच्चो की उम्र पढ़ने और लिखने वाले है। इनके द्वारा ठीके या दिहाड़ी पर किये गए मजदूरी का भुगतान इनके अभिभावकों के खाते में भेज दिया जाता है। जिस उम्र में इनके हाथों में किताबे और कलम होना चाहिये था, उस उम्र में जिम्मेदारों के द्वारा इन बच्चों के हाथों में फावड़ा देकर काम कराया जा रहा है।

नाबालिगों से कराई जा रही है मनरेगा में मजदूरी, नियमों की खुलेआम उड़ रहीं है सरेआम धज्जियां,

एक तरफ जहां देश के नौनिहालों को शिक्षित करने के लिए सरकार प्रति वर्ष करोड़ो से भी ज्यादा रुपये खर्च कर रही है। वहीं दूसरी तरफ मनरेगा में काम कराने के लिए नौनिहालों के भविष्य के साथ खुलेआम खिलवाड़ किया जा रहा है।
एक ऐसा ही प्रकरण शुक्रवार को नेबुआ नौरंगिया ब्लाक के ग्रामसभा रामपुर खुर्द मे देखने को मिला। जहां पर मनरेगा योजना के तहत करवाये जा रहे मिट्टी के काम में लगभग आधा दर्जन से ऊपर बच्चे काम कर रहे थे। वहीं जिम्मेदारो के द्वारा नाबालिकों के काम की अनदेखी भी की जा रही थी। वैसे तो बाल श्रम कराना कानूनन अपराध है। लेकिन यहां न तो काम कराने वालों को इसका डर है और न ही करने वालों को। मौके पर बगैर किसी जिम्मेदार के काम कर रहे अनेको नाबालिग मजदूरो ने बताया कि उनके द्वारा किये गए कार्यो का पूरा पैसा उसके परिजनों के बैंक खाते में जाता है। जबकि नियमानुसार मौके पर किसी न किसी जिम्मेदार के देख रेख में उक्त कार्यो का होना चाहिए था पर कोई था नही।
मुख्य विकास अधिकारी अनुज मलिक से सीयूजी नम्बर पर अनेको बार सम्पर्क करने पर उनका पक्ष नही जाना जा सका।

शिक्षा के प्रति सरकार के दावे नजर आ रही है फेल

श्रम प्रवर्तन अधिकारी मनीष कुमार सिंह ने कहा कि नाबालिग बच्चों से काम कराना अवैध और नियम विरुद्ध है। यह बिल्कुल नहीं होना चाहिये। यदि ऐसा कोई कार्य करवाता है तो उसके विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।

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