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काबुल गुरुद्वारा में 10 दिनों में दूसरी बार घुसे हथियारबंद तालिबान लड़ाके, परिसर की तलाशी ली और लोगों को डराया

तालिबान के लड़ाके पिछले 10 दिनों में दूसरी बार काबुल स्थित गुरुद्वारे में हथियारों के साथ घुसे हैं. स्थानीय सिख लोगों ने बताया है कि शुक्रवार को हथियारों के साथ लड़ाके गुरुद्वारा में घुसे और फिर तलाशी ली. साथ ही लोगों को डराया. ये घटना काबुल के गुरुद्वारा दशमेश पिता श्री गुरु गोबिंद सिंह करता परवन में हुई. इससे पहले भी तालिबान के लड़ाकों ने गुरुद्वारा में प्रवेश किया था.

स्थानीय सिख समुदाय के एक सदस्य ने द इंडियन एक्सप्रेस को फोन पर बताया, ‘तालिबान लड़ाके गुरुद्वारा में घुसे. उन्होंने गुरुद्वारा की तलाशी शुरू की और दावा किया कि हमने राइफल और हथियार छिपाए हुए हैं. उन्होंने हमारे सांसद नरिंदर सिंह खालसा (Narinder Singh Khalsa) के कार्यालय की भी तलाशी ली, जो इस समय भारत में हैं.’ उसने कहा, ‘हमारे गुरुद्वारे के अध्यक्ष और समुदाय के नेताओं ने हस्तक्षेप किया. उन्होंने तालिबान के वरिष्ठ अधिकारियों को फोन करके बताया कि यहां क्या हो रहा है. मस्जिदों में हुए बम धमाकों से सैकड़ों शिया मुसलमानों की मौत हुई है, जिससे हिंदू और सिख बहुत डरे हुए हैं. हम बस इतना चाहते हैं कि हमें जल्द से जल्द यहां से निकाला जाए. हम मरना नहीं चाहते.’

हथियारबंद लड़ाकों ने गुरुद्वारे के गार्ड को डराया

इससे पहले, पांच अक्टूबर को हथियारबंद तालिबानी लड़ाकों ने गुरुद्वारे के अंदर घुसकर परिसर में तोड़फोड़ की थी. उन्होंने सीसीटीवी कैमरों को भी तोड़ दिया था और गुरुद्वारे के सुरक्षा गार्डों को डराया धमकाया. इंडियन वर्ल्ड फोरम के अध्यक्ष पुनीत सिंह चंडोक ने एक बयान में कहा, ‘मुझे काबुल में मुसीबत में फंसे सिख समुदाय के फोन आ रहे हैं. आज दोपहर करीब 2 बजे अफगानिस्तान के इस्लामिक अमीरात की विशेष इकाई से होने का दावा करने वाले भारी हथियारों से लैस अधिकारी जबरन काबुल स्थित गुरुद्वारा दशमेश पिता करते परवान में घुस गए. उन्होंने गुरुद्वारे के अंदर मौजूद समुदाय के लोगों को धमकाया और पवित्र स्थान की पवित्रता को भंग किया.’

सांसद नरिंदर सिंह खालसा के कार्यालय पर मारा छापा

बयान में कहा गया, ‘उन्होंने न केवल गुरुद्वारे बल्कि गुरुद्वारे से लगे सामुदायिक स्कूल के पूरे परिसर में भी छापेमारी की. निजी सुरक्षा गार्डों ने शुरू में उन्हें प्रवेश करने से रोका, लेकिन उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई और उनके साथ मारपीट भी की गई. उन्होंने साथ ही गुरुद्वारे से सटे सांसद नरिंदर सिंह खालसा के कार्यालय पर भी छापा मारा. गुरुद्वारे के अंदर सिख समुदाय के करीब 20 सदस्य मौजूद थे. अफगानिस्तान में पूरा सिख समुदाय अब अपने जीवन के लिए डर रहा है और तत्काल बाहर निकाले जाने का आग्रह कर रहा है.’ लगभग 180 अफगान सिख और हिंदू अभी भी अफगानिस्तान में मौजूद हैं.

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