
महाराजगंज जनपद अंतर्गत निचलौल तहसील में विगत कुछ माह पहले एक निडर उपजिलाधिकारी का आगमन हुआ था जब की उस समय का आलम कुछ और था जिसमें बुद्धिजीवी लोग हालातों से समझौता कर बैठे थे।
आये दिन जो इण्डो नेपाल बार्डर का क्षेत्र अपनी वास्तविक छवि के बिल्कुल ही विपरीत चल रहा था , तस्करी के वाहन फर्राटेदार गति से आम जनमानस की जान को शून्य मानकर चलती थी तथा दुर्घटना आम बात थी | लोगों को लगा अधिकारी आयेंगें , जायेंगें कुछ बदलने वाला कुछ नही है |
तब निचलौल तहसील की कार्यभार उपजिलाधिकारी प्रमोद कुमार ने संभाली और अपनी विनम्र छवि के द्वारा ही कम और सटीक बोलते हुए जिस तरह समाज में व्याप्त विसंगतियों पर झाड़ू लगाया वह स्वच्छ समाज बनाने के लिए पर्याप्त था |
ईमानदारी की मिसाल पेश करते हुए असामाजिक तत्वों के जीवन में कोहराम मचाने वाले एसडीएम की कार्यशैली को जनता भूरि भूरि प्रशंसा करने लगी |
उपजिलाधिकारी के सामने तस्कर व माफिया नतमस्तक थे
जनता दरबार लगाकर अन्तिम से अन्तिम व्यक्ति की समस्याओं को सुनना और उस पर तात्कालिक कार्यवाही करना , बडे ड्रग रैकेट का पर्दाफाश करना तस्करों को तस्करी छोडने पर मजबूर करना , तहसील परिसर में ही स्टाम्प सहित सभी समस्याओं को दूर करना , राह चलते जरुरतमंदों व दुर्घटनाग्रस्त इंसानों की मदद करना ऐसे लगा कि वाकई दशकों के बाद किसी अधिकारी के कार्यकाल में रामराज्य स्थापित हो गया है , जिसके चलते असमाजिक तत्वों द्वारा उनपर जानलेवा हमले की घिनौनी कृत्य को भी अन्जाम दिया गया ,लेकिन सभी चीजों को दर किनार करते हुए अपने तरीके से सराहनीय कार्यों में लगे रहे |
सभी लोग रातों को चैन की नींद सोने लगे थे कि अचानक शासनिक अमलें के एक फरमान के रूप में सबकी खुशियों पर ग्रहण लगाता हुआ नजर आया कि एसडीएम का तबादला सिद्धार्थनगर में हो गया।
जनता दरबार लगाकर सुनते थे फरियादियों की फरियाद
अब आलम ये है कि आमजनमानस के साथ साथ , दलगत भावनाओं से उठकर सभी पार्टी के नेता गण , पत्रकार बन्धु , मानवाधिकार संगठन , बार एसोसियेशन आदि ने एक स्वर में एसडीएम प्रमोद कुमार जी का स्थानांतरण रोकने की आवाज उठाते हुए शासन , प्रशासन तक संदेश पहुंचा रहे हैं।