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भारत सरकार लोक कल्याणकारी रास्ते को त्याग पूजीवादी रास्ते पर

लोक समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा सरकार लोक कल्याणकारी रास्ते को छोड़ अपनाया पूंजीवाद का रास्ता

वर्तमान सरकार को लेकर लोक समाज पार्टी द्वारा निकाली गई विरोध यात्रा
आज मंहगाई और निजीकरण के खिलाफ पार्टी के केंद्रीय कार्यालय बी ब्लॉक पहला पुश्ता रोड सोनिया विहार से ढाई पुश्ता पार्क सोनिया विहार तक विरोध यात्रा निकाला गया। जिसमे पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष शाहनवाज अली ,मज़दूर सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश कुमार सेन, रामजी लाल तिवारी,राम केवल यादव, उपेंद्र सेठ, के पी सिंह, किशोर यादव, घनश्याम, पांडे, अरविंद नागर, मदन सिंह बोरा,राम भजन मिश्रा,कौलेश्वर पटेल, सहित सैकड़ों लोग शामिल हुए। इस मौके पर लोक समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरी शंकर शर्मा ने कहा कि चल पड़ी है जिसमे कुछ गिने चुने लोगों के लिए काम कर रहीं है। बाकी लोगो को धर्म कर्म में उलझा कर रख दी है। भारत सरकार को चलाने वाले लोग ही मनमोहन सरकार के खिलाफ सड़क से संसद तक कोहराम मचाते रहे थे।

यही नहीं 2014 के चुनाव के दौरान जगह जगह मनमोहन सरकार के खिलाफ यह कहते थे कि प्रधानमंत्रीजी शब्द कहने से डरते है क्योंकि उनको महंगाई से डर लगने रहा हैं। जबकि उस समय पेट्रोल का दाम 63 रूपये प्रति लीटर था आज दो दिन पहले 112 रूपये होने पर वही मोदजी अपने कान में तेल डाल लिए है जो जनता की आवाज सुनाई नहीं पड़ रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों के हितैषी बताने वाले बीजेपी ही डीजल का दाम 100 रूपये के पास पहुंचा दो है जब डीजल का दाम बढ़ेगा तो स्वाभाविक रुप से खेत की लागत बढ़ेगी। जब लागत ही बढ़ेगी तो किसानों को घाटा के सिवाय आय दुगुना होने का प्रश्न ही नहीं उठता हैं। डीजल पेट्रोल के दाम बढ़ने से हर वस्तु के दाम बढ़ेंगे । बीजेपी की सोच सामंतवादी है वह सिर्फ दिखाने वा गुमराह करने के लिऐ सबका साथ सबका विकास की बात करती है। विकास सही मायने मे कॉरपोरेट घरानों कर रही है यही कारण है देश के एक प्रतिशत लोग देश के 73 प्रतिशत संसाधन पर कब्जा कर चुके हैं।
निजीकरण के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि देश की संपत्ति बीजेपी वा कांग्रेस के लोग ही कंपनी बनाकर निजीकरण के आड़ में कब्जा कर रहे है। जो संपत्ति कॉरपोरेट घराने खरीद रहे हैं उनमें भी इन्ही नेताओ के शेयर है। लोक समाज पार्टी का स्पष्ट विजन है कि अटल जी से लेकर मोदीजी तक जिन सरकारी संपत्तियों का निजीकरण हुवा हैं उन सभी का राष्ट्रीय करण कर दिया जाएगा जिससे लोगों को सरकारी नौकरी करने का अधिकार मिल जाय। आज की तारीख में लोगो का सरकारी नौकरी करने का अधिकार ख़त्म कर दिया गया हैं। इस तरह देश के लोगों को गुलाम बनाने की तैयारी कर दी गईं है। कांग्रेस वा बीजेपी दोनो पार्टियां सरकारी संपत्तियों को बेच कर सरकार चलाती रही हैं।प्रश्न उठता हैं कि जब सभी सरकारी संपत्तिया बिक जाएंगी तब वे क्या बेचेंगे?

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