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अब वैक्सीन नहीं बल्कि टेबलेट से होगा कोविड का इलाज! मर्क की एंटीवायरल पिल को मंजूरी देने वाला पहला देश बना ब्रिटेन

ब्रिटेन ने हल्के से मध्यम लक्षण वाले कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए मर्क की एंटीवायरल गोली के इस्तेमाल को मंजूरी दी है. मेडिसिन एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी. ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद ने कहा, ‘आज हमारे देश के लिए एक ऐतिहासिक दिन है, क्योंकि ब्रिटेन अब दुनिया का पहला देश है जिसने एक एंटीवायरल को मंजूरी दी है. इसे कोविड-19 के इलाज के लिए घर पर ले जाया जा सकता है.’ उन्होंने कहा, ‘ये सबसे कमजोर और कम इम्युनिटी वाले लोगों के लिए एक गेम-चेंजर साबित होगा.’

इस एंटीवायरल को मोलनुपिराविर कहा जाता है. ये गोली वायरस के खुद का स्वरूप बदलने से रोकने की काबिलियत को कम करती है. इस तरह बीमारी धीरे-धीरे खत्म हो जाती है. MHRA ने कहा कि इसके ट्रायल से ये निष्कर्ष निकला कि ये हल्के से मध्य कोविड-19 लोगों में अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु के जोखिम को कम करने में सुरक्षित और प्रभावी है. अधिकतर देखा जाता है कि हल्के से मध्य कोविड-19 लोगों के गंभीर रूप से बीमार होने का खतरा होता है. क्लिनिकल ट्रायल डाटा के आधार पर संक्रमण के शुरुआती चरणों में ये दवा अधिक प्रभावी है. MHRA ने इस दवा को शुरुआती लक्षणों के पांच दिनों के भीतर लेने की सलाह दी है.

ब्रिटेन ने मोलनुपिराविर की 4,80,000 डोज का ऑर्डर किया

मोलनुपिराविर को उन लोगों के इस्तेमाल के लिए भी मंजूर किया गया है, जिन्हें मोटापा, वृद्धावस्था, मधुमेह और दिल संबंधी सहित बीमारियों की वजह से कोविड से कम से कम एक जोखिम वाला फैक्टर है. कोरोनावायरस से बुरी तरह प्रभावित होने वाले मुल्कों में ब्रिटेन शीर्ष पांच देशों में शामिल है. ब्रिटेन ने 20 अक्टूबर को ऐलान किया कि इसने अमेरिकी दवा कंपनियों की दिग्गज मर्क को मोलनुपिराविर की 4,80,000 डोज का ऑर्डर दिया है. अमेरिका और यूरोपियन यूनियन में ड्रग रेगुलेटर्स ने पहले ही दवा का मूल्यांकन शुरू कर दिया है.

इंजेक्शन के जरिए हो रहा है वैक्सीनेशन

मर्क ने अमेरिका सहित कई देशों की सरकारों के साथ दवा को लेकर समझौता किया हुआ है. अमेरिका ने कहा है कि अगर ड्रग रेगुलेटर्स द्वारा दवा को मंजूर कर दिया जाएगा तो ये मर्क से 17 लाख खुराक खरीदेगा. अभी तक दुनियाभर में इंजेक्शन के जरिए कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेशन किया जा रहा है. दिसंबर 2019 में चीन के वुहान में सामने आने के बाद कोरोनावायरस देखते ही देखते दुनियाभर के अलग अलग हिस्सों में पहुंच गया. वहीं, इसके बाद वैज्ञानिकों ने कड़ी मेहनत के साथ इस वायरस से लड़ने के लिए वैक्सीन को तैयार किया है. मॉडर्ना, एस्ट्राजेनेका, फाइजर, कोवैक्सीन जैसी वैक्सीनों के जरिए भी दुनियाभर में वैक्सीनेशन किया जा रहा है.

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