
महाप्रबंधक ने परामर्शदात्री समिति सदस्य को स्मृति चिन्ह भेंटकर किया सम्मानित
जन समस्या के अच्छे कार्यों के लिए किया गया सम्मानित
गोरखपुर
पूर्वोत्तर रेलवे महाप्रबंधक अनूपम शर्मा ने क्षेत्रीय उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति सदस्य भूपेंद्र नाथ पांडेय को स्मृति चिन्ह व अंग वस्त्र सप्रेम भेंट कर स्वागत किया महाप्रबंधक द्वारा पूछने पर श्री पांडेय ने मौके की नजाकत समझते हुए तत्काल आम जन मानस के समस्याओं से महाप्रबंधक को अवगत कराते हुए मांग किया कि पूर्वोत्तर रेलवे जगतबेला रेलवे स्टेशन पर पीआरएस खोला जाये व बादशाह नगर रेलवे स्टेशन पर रात्रि में महिला रेल कर्मी की ड्यूटी न लगाई जाय और एक ही स्थान पर लंबे समय से जमे कर्मचारियों को अन्य स्टेशनों पर बिना भेदभाव की तबादला किया जाए।
क्षेत्रीय उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति सदस्यों द्वारा आम जनमानस की समस्याओं से पूर्वोत्तर रेलवे महाप्रबंधक को कराते थे अवगत
पांडे ने महाप्रबंधक को बताया कि गोरखपुर मुख्यालय से लगभग 12 किमी पश्चिम जगतबेला रेलवे स्टेशन पर एक भी पैसेन्जर रिजर्वेशन सिस्टम न होने के कारण वहां के यात्रियों को आरक्षण कराने के लिए एक तरफ रोहिन तथा दूसरी तरफ राप्ती नदी पार कर डोमिनगढ़ या सहजनवा रेलवे स्टेशन जाना पड़ता है । इन स्टेशनों पर स्थित पीआरएस तक पहुंचने के लिए बहुत ही गड्डा कचरा युक्त और अत्यन्त ही खराब रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है जगतबेला रेलवे रिजर्वेशन सिस्टम पीआरएस खोला जाए जिससे आम जनमानस को डोमिनगढ़ और जगतबेला ना जाना पड़े।
रिजर्वेशन संबंधित समस्याओं को पांडे ने अधिकारियों के समक्ष रखी अपनी बात
पांडे ने महाप्रबंधक का ध्यान आकृष्ट करते हुए बताया कि एक ही स्थान पर सन् 2014 से कार्यरत आरक्षण पर्यवेक्षक जिनका स्थानान्तरण सन् 2018 में प्रशासनिक आधार पर कर दिया गया था लेकिन वो ऊँची पहुँच के कारण स्थानान्तरण लिस्ट तो है लेकिन उन्हें अपने वर्तमान जगह से विमुक्त नही किया गया जैसे खलीलाबाद रेलवे स्टेशनअजय कुमार शर्मा का स्थानान्तरण 2018 में बस्ती कर दिया लेकिन अजय अभी तक खलीलाबाद में ही कार्यरत है जबकि बस्ती गया लेकिन वह आज भी मुख्य आरक्षण पर्यवेक्षक का पद सन 2018 से ही रिक्त चल रहा है।
महिला सुरक्षाकर्मियों की कमी से कराया गया अवगत
साथ ही साथ पांडेय ने महाप्रबंधक को अवगत कराया कि बादशाह नगर रेलवे स्टेशन को महिला रेलवे स्टेशन का नाम दिया गया है वहां रात में यदि कोई तकनिकी खराबी आ जाती है तो महिला कर्मीयों को 500 मीo से 1 किमीo की दूरी तक जाना पड़ता है । वहां कोई भी महिला सुरक्षा कर्मी की व्यवस्था नही है । कई महिला सुरक्षा कर्मीयों को बादशाह नगर भेजा गया लेकिन कुछ ही दिनों में उन्होनें अपना स्थानान्तरण वहां से करा लिया । बादशाह नगर रेलवे स्टेशन पर रात्रि में किसी भी महिला रेल कर्मी की ड्यूटी न लगाई जाये यदि ऐसा संभव नही है तो रात्रि में उनके सुरक्षा की समुचित व्यवस्था की जाय जिससे महिला सशक्त हो सके और महिला कर्मचारियों की सुरक्षा हो सके वह निर्भीक होकर अपनी ड्यूटी कर सकें।